गुरु पूर्णिमा का इतिहास महर्षि वेदव्यास से जुड़ा है, जिन्होंने वेदों का संकलन किया। इसीलिए इसे वेदव्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
गुरु हमें ज्ञान का प्रकाश दिखाते हैं, सही रास्ता चुनना सिखाते हैं और हमें मजबूत बनाते हैं।
गुरु पूर्णिमा मनाने का उद्देश्य गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना और उनके आशीर्वाद से जीवन में सफलता पाना है।
गुरु पूर्णिमा सिर्फ पूजा का दिन नहीं, बल्कि जीवन में नई शुरुआत का मौका भी देती है।
2025 में गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई को पड़ेगी। इस दिन गुरु का आशीर्वाद लेना बेहद शुभ माना जाता है।
10 जुलाई को सुबह 9:00 से दोपहर 12:30 तक पूजा करने का उत्तम समय रहेगा।
✔ सुबह स्नान कर साफ वस्त्र पहनें ✔ गुरु की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं ✔ फूल और मिठाई अर्पित करें ✔ गुरु मंत्र का जाप करें
आज के युग में गुरु हमारे teachers, mentors, और parents भी हो सकते हैं, जो हमें सही राह दिखाते हैं।
अपने जीवन में गुरु के उपदेशों का पालन करने और सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प लें।