₹1499 देने के बाद भी क्यों झेलने पड़ रहे हैं Ads? Amazon Prime की नई चाल से Users में गुस्सा। क्या आपने भी Amazon Prime का ₹1499 वाला annual subscription लिया है ये सोचकर कि आपको एक uninterrupted, ad-free experience मिलेगा? लेकिन अब आपको बीच-बीच में ads देखने को मिल रहे हैं और Prime ने अचानक एक email भेजकर जानकारी दी है कि अगर आपको बिना ads के web series या movies देखनी है, तो आपको अब ₹699 का extra “Ad-Free Addon” खरीदना पड़ेगा।
- क्या कहती है Amazon की नई Policy?
- Users को क्यों लग रहा है धोखा?
- Prime Membership अब दो हिस्सों में बंटी
- Ad-Free Addon का मतलब क्या है?
- क्या यह फैसला भारत में Unique है?
- Users की प्रतिक्रिया कैसी रही?
- Transparency की कमी पर सवाल
- क्या है Amazon का justification?
- Future में क्या हो सकता है?
- क्या अब Prime लेना फायदेमंद है?
- क्या ये strategy काम करेगी?
- Prime Users के लिए क्या हो सकता है next step?
- क्या सरकार इस पर कुछ कर सकती है?
- निष्कर्ष
- FAQs
- Disclaimer
इस खबर ने लाखों Prime subscribers को चौंका दिया है। सवाल यह है कि जब पहले से ही सालाना ₹1499 दे रहे हैं, तो फिर ये नया charge क्यों? क्या ये users के साथ धोखा नहीं है? आइए इस पूरे मामले को गहराई से समझते हैं।
क्या कहती है Amazon की नई Policy?
Amazon ने हाल ही में एक email notification भेजा जिसमें बताया गया कि Prime Video पर अब default रूप से ads दिखाए जाएंगे। इसका मतलब है कि ₹1499 के yearly subscription के बावजूद आपको episodes के बीच, movie शुरू होने से पहले या बीच में ads देखने होंगे। अगर आप इन ads को हटाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको एक अतिरिक्त ₹699 का yearly addon खरीदना होगा।
Amazon का कहना है कि यह बदलाव उन्हें high-quality content को sustainable तरीके से produce करने में मदद करेगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह transparency है या एक सधा हुआ commercial trap?
Users को क्यों लग रहा है धोखा?
जब कोई user ₹1499 का annual subscription लेता है, तो उसकी उम्मीद होती है कि उसे premium experience मिलेगा – high-quality content, fast delivery benefits और सबसे अहम, uninterrupted streaming. लेकिन अब जब ads भी देखने को मिल रहे हैं, तो users को यह महसूस हो रहा है कि उनके साथ अनुचित व्यवहार किया गया है।
कई users का कहना है कि अगर उन्हें ads ही देखने थे, तो वे YouTube या free streaming platforms क्यों न चुनते?
Prime Membership अब दो हिस्सों में बंटी
Amazon Prime अब effectively दो हिस्सों में बांट दिया गया है:
- ₹1499 का standard subscription जिसमें ads के साथ content मिलेगा।
- ₹1499 + ₹699 = ₹2198 का Ad-Free subscription, जिसमें बिना किसी ad के content देखा जा सकेगा।
यह बदलाव silently implement किया गया और इसका खुलासा एक सामान्य email के माध्यम से किया गया। कोई prior notice या user से approval नहीं लिया गया।
Ad-Free Addon का मतलब क्या है?
Ad-Free Addon एक नया विकल्प है जिसे लेने के बाद आप Prime Video पर ads नहीं देखेंगे। यानी अगर आप बिना रुकावट content देखना चाहते हैं, तो ₹699 का extra खर्च आपको उठाना पड़ेगा।
इस addon को optional बताया जा रहा है, लेकिन practically यह एक necessity बन गई है क्योंकि majority users का expectation होता है uninterrupted content viewing का।
क्या यह फैसला भारत में Unique है?
नहीं, Amazon ने यह policy सबसे पहले US, UK जैसे देशों में implement की थी और अब यह भारत में rollout की गई है। international markets में भी इस policy को लेकर काफी backlash मिला था।
Users की प्रतिक्रिया कैसी रही?
Twitter और अन्य social platforms पर users का गुस्सा साफ नजर आया। लोगों ने Amazon को “greedy”, “misleading” और “anti-consumer” तक कह डाला। कई लोगों ने अपने subscription cancel करने की धमकी तक दे दी है।
Transparency की कमी पर सवाल
Amazon ने बिना किसी बड़े notification के quietly ये बदलाव कर दिया। यह approach transparency के बिल्कुल विपरीत माना जा रहा है। users को ऐसा लगता है कि उनकी consent के बिना ही उनकी service की nature बदल दी गई है।
क्या है Amazon का justification?
Amazon का कहना है कि ads के जरिए वे अपने production budgets को manage कर पाएंगे और ज्यादा high-quality content offer कर सकेंगे। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये justification ₹1499 की premium service को devalue नहीं कर रहा?
Future में क्या हो सकता है?
ऐसा लगता है कि भविष्य में दूसरे OTT platforms भी इसी model को follow कर सकते हैं – एक basic plan with ads और एक premium plan without ads. लेकिन Amazon Prime का ये कदम भारत में content consumption को लेकर एक बड़ा turning point साबित हो सकता है।
क्या अब Prime लेना फायदेमंद है?
अगर आप सिर्फ fast delivery और Amazon Music जैसी services के लिए Prime ले रहे हैं, तो ₹1499 की value अभी भी justify की जा सकती है। लेकिन अगर आपका focus Prime Video पर है और आप ads से परेशान नहीं होना चाहते, तो अब आपको अपने budget में ₹699 extra जोड़ना होगा।
क्या ये strategy काम करेगी?
Short term में Amazon को इससे financial benefit मिल सकता है, लेकिन long term में ये brand trust को प्रभावित कर सकता है। जब loyal customers को forcefully ads देखने पर मजबूर किया जाएगा, तो उनकी dissatisfaction बढ़ेगी और शायद वो दूसरे OTT platforms की तरफ migrate करने लगे।
Prime Users के लिए क्या हो सकता है next step?
अगर आप इस policy से नाखुश हैं, तो आप दो चीज़ें कर सकते हैं:
- Ad-Free Addon लेकर uninterrupted viewing का अनुभव ले सकते हैं।
- अपनी नाराजगी social media या Amazon customer care पर register कर सकते हैं ताकि feedback higher management तक पहुंचे।
क्या सरकार इस पर कुछ कर सकती है?
फिलहाल इस तरह के commercial decisions पर government की सीधी दखल नहीं होती। लेकिन अगर बड़े स्तर पर consumer dissatisfaction बढ़ता है, तो संभव है कि कोई regulatory guideline आए जो subscription transparency को मजबूती दे।
निष्कर्ष
Amazon Prime ने अपनी streaming policy में जो बदलाव किया है, वो लाखों users के लिए एक चौंकाने वाली बात रही। ₹1499 का subscription लेकर भी ads दिखाना और फिर ₹699 extra मांगना – यह कहीं न कहीं consumers के trust को चोट पहुंचाता है।
आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या users इस बदलाव को accept करेंगे या boycott की तरफ बढ़ेंगे।
FAQs
Q1. क्या अब ₹1499 देकर भी Amazon Prime पर ads दिखेंगे?
हाँ, अब default subscription में ads दिखेंगे। Ad-free experience के लिए ₹699 का addon लेना होगा।
Q2. Ad-Free Addon एक बार का है या yearly?
यह ₹699 का addon yearly है और हर साल renew करना होगा।
Q3. क्या पुराने subscribers को भी ads दिखेंगे?
हाँ, यह policy सभी subscribers पर लागू है, चाहे उन्होंने कब भी subscription लिया हो।
Q4. क्या कोई अन्य OTT platform ऐसा करता है?
कुछ platforms जैसे Netflix अभी तक ad-free हैं, लेकिन Amazon ने ad-supported model लागू कर दिया है।
Q5. क्या इस बदलाव की जानकारी पहले दी गई थी?
नहीं, यह जानकारी एक साधारण email के माध्यम से दी गई, जिसमें बदलाव की detail थी।
Disclaimer
यह लेख पूरी तरह से factual जानकारी और verified sources के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारियाँ लेखक की रिसर्च और पब्लिक domain में उपलब्ध सूचनाओं पर आधारित हैं। इस लेख का उद्देश्य केवल informational है और इसका किसी भी कंपनी से व्यावसायिक संबंध नहीं है।